वैराग्य- एक शांतिपूर्ण जीवन | Kya Hota Hai Vairagya Jeevan
Vairagya Jeevan "सत्संगत्वे निस्संगत्वं,निस्संगत्वे निर्मोहत्वं। निर्मोहत्वे निश्चलतत्त्वं,निश्चलतत्त्वे जीवन्मुक्तिः॥" भावार्थ : सत्संग से वैराग्य, वैराग्य से विवेक, विवेक से स्थिर तत्त्वज्ञान और तत्त्वज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है । हमारे सामने अक्सर कभी यह प्रश्न उठता है कि वैराग्य क्या है, क्या वैराग्य को पाया जा सकता है या फिर इसे कंट्रोल किया जा सकता है, या इसे योग सि्धधियों से जाना जा सकता है ऐसे ही की सारे प्रश्न हमारे मन के सागर में अक्सर गोते खाते हुए डूब जाते हैं जिन्हें हम जान भी नहीं पाते | कोई भी व्यक्ति वैराग्य को पाने के लिए क्या करे, कि वो इसे पा सके,कई वर्षों पूर्व जब इस धरती पर प्रभु अवतार कायम था जहा सुख शांति उन्नति हमेशा रहती थी, यदि युद्ध भी हुआ तो वो धर्म की रक्षा के लिए हुआ करता था, जिसमें भी मान मर्यादा का उचित ध्यान रखा जाता था | कई लोग बरहम्चार्य का पालन भी करते थे और मोह माया का त्याग भी देखने को मिलता था, मनुष्य वैरागी हो जाया करता था | और जब जब मनुष्य उस परमात्मा की खोज में निकला है, जब जब उसने संसारिक सुखों का त्या...