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ज़िन्दगी में आगे क्या करना है | What To Do In Life - short motivational speech

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What To Do In Life -  short motivational speech   short motivational speech- किसी को ये बताना कितना आसान होता है ना, कि तुम्हें अपनी life में आगे क्या करना है, या फिर ये कहना की तुम जो कर रहे हो वो काम की चीज़ नहीं है ऐसा/ करके तुम बस अपनी Life Waste कर रहे हो. ये महज़ लफ्ज़ नहीं हैं, अपने आप में एक पूरा बोझ है, जो किसी की भी life में, एक भूचाल ला सकता है, हम तो बस किसी को भी बिना कुछ सोचे समझे, बिना जाने, कह देते हैं, की आगे उस इंसान की life में अब क्या होना है या फिर उस इंसान को आगे क्या करना है, ऐसे समय में हम ऐसे विषयों के जानकार भी बन जाते हैं जिन्हें हमने अपनी ज़िन्दगी में कभी ना तो जाना, ना ही समझने की कोशिश की, और जब कोई दूसरा व्यक्ति हमारे दिखाए रास्तों पर चलना शुरू करता है, तो वो ना चाहते हुए भी एक ऐसी जंग को जीतने की कोशिश करने लगता है,  जिसे वो जानता है कि वो हार जाएगा, और जब ऐसा होता है तो, सच मानिये, उस इंसान पर क्या बीत रही होती है ये आप और हम शायद कभी समझ ही नहीं सकते, और ऐसे में ही लोग गलत रास्तों की तरफ अपना कदम उठा लेते हैं. दूसरों को ये बताने से पहले की...

Bewajah Ki Chinta Kyun - life lesson from Bhagwat Gita

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 Bewajah Ki Chinta Kyun "चिन्तया जायते दुःखं नान्यथेहेति निश्चयी। तया हीनः सुखी शान्तः सर्वत्र गलितस्पृहः॥" अर्थ :- चिंता से ही दुःख उत्पन्न होते हैं किसी अन्य कारण से नहीं, ऐसा निश्चित रूप से जानने वाला, चिंता से रहित होकर सुख, शांति  और सभी इच्छाओं से मुक्त हो जाता है । Chinta, मानव जीवन में एक अहम किरदार है जो इस जीवन में अवश्य ही सबके साथ रहता है, और जीवन में नियमित उतार चढ़ाव लाता रहता है, कहा जाता है कि चिंता, चिता के समान होती इसलिए हमें चिंता नहीं करनी चाहिए, चिंता ही हमारे दुखों का सबसे बड़ा कारण है, कोई खुश है तो उसे इस बात की चिंता है की ये ख़ुशी कब तक रहेगी और अगर कोई दुखी है तो उसे इस बात की चिंता है की सुख कब आएगा। वो व्यक्ति जो हर बात को लेकर चिंतित रहता है वो न तो अपने को आज को बेहतर तरीके से जी पाता और ना ही अपने आने वाले Kal के बारे में कुछ बेहतर सोच पाता है। सुख हमारे जीवन में तब तक नहीं आ सकता जब तक हम अपनी चिंताओं से खुद को मुक्त नहीं कर लेते। जहाँ चैन नहीं होता वहां हमेसा दुःख का वास होता है, और जहाँ दुःख है फिर वहां सुख पल भर भी नहीं रुकता।   Humaare ...

माँ के लिए इससे सुन्दर लाइन कहीं नहीं पड़ीं होंगी | तुम याद आती हो माँ

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तुम याद आती हो माँ  माँ (maa): इस दुनिया में हमें उस ऊपरवाले का दिया सबसे नायाब तोहफा मां (maa)  ही है, उससे सुंदर, उससे अच्छा और बड़ा विशाल दिल एक एक माँ के अलावा और किसी का, हो ही नहीं सकता | स्वयं ईश्वर भी शायद इस बात से इनकार नहीं कर पाएं कि उसकी जगह एक माँ(maa) को अगर पूजा जाए, तो, वो भी उस ईश्वर को पूजने के बराबर या जैसा ही होगा | Image Credit- Pexels.com ये कहना गलत नहीं होगा कि जब ईश्वर ने इस श्रीष्टि को रचा होगा, तब अपनी व्यस्तता को देखते हुए उसे भी लगा होगा कि एक ईश्वर तो इस दुनिया में भी जरूरी है, तब जाकर उसने शायद माँ को बनाया होगा | लेकिन वो नहीं जानता था कि अगर वो माँ को बना देगा तो इस श्रीष्टि में उससे ज्यादा पूछ उस माँ (maa) की ही हो जाएगी, क्यूँकि मां का दिल बहुत विशाल है, और जिस के सर पर भी इसका हाथ रहेगा उसे निश्चित ही कामयाबी, बरकत और जन्नत नसीब होगी | तो अपनी उस ईश्वर रूपी माँ को नमन करते हैं और खुद को उसकी आँचल की छाया में सौंपकर, धन्य कर लेते हैं, तो चलिए आज एक लम्हा उस माँ के नाम करते हैं, उस माँ की गोद में अपने सर को रखकर सारी थकान दूर कर लेते हैं, ...

मोक्ष (moksha) क्या है | मोक्ष की परिभाषा

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मोक्ष (moksha) क्या है..!!  "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||" अर्थ-  हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं, जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं। Related:-   वैराग्य- एक शांतिपूर्ण जीवन ,  Lesson from Bhagwat Geeta ,  क्रोध (Anger) मोक्ष क्या है और हम मरने के उपरांत इसे क्यू पाना चाहते हैं, क्या किसी की मृत्यु के पश्चात यदि पंडितों को दक्षिणा, दान और भोजन कराया जाए तो ये मर चुके व्यक्ति को मोक्ष दे देगा, या फिर पंडितों द्वारा कराए गए यग्य और पूजा विधान से मरे हुए व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी | कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा की  मोक्ष (moksha) की प्राप्ति के लिए उस व्यक्ति का शराद कराया जाता है उसके नाम का पिंड भी दिया जाता है और  उसके नाम से पूजा कराई जाती है ताकि उस व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष मिल सके | लेकिन आखिरकार ये मोक्ष है क्या, और इसे मरणोपरांत कैसे पाया जा स...

तुम क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाओगे- A lesson from Bhagwat Geeta

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तुम क्या लेकर आए थे  "नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥" अर्थ – भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन, ये आत्मा अजर अमर होती है, इसे ना तो आग से जला सकते है, और ना ही पानी भिगो सकते है, ना ही हवा इसे सुखा सकती है  ना ही कोई अस्त्र शस्त्र इसे काट सकता हैं। ... और आत्मा कभी नही मर सकती है.  "तुम क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाओगे, खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाओगे [Tum Kya Lekar Aye The Aur Kya Lekar Jaaoge, Khali Haath Aye The Aur Khali Hath Jaooge"] ये समझना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है, मृत्यु हमारे जीवन का एक ब्रह्म सत्य है जिसे नकारा नहीं जा सकता है | हम इस धरती पर जन्म लेते हैं, Survive करते हैं, जीवन भर सांसारिक सुखों दुखों को भोगते हैं और फिर एक दिन इस धरती पर अपना सब कुछ छोड़ कर चले जाते हैं, यानी हम मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं और इस लोक से परलोक का सफर शुरू करते है  | लेकिन आखिरकार ये मृत्यु है क्या ये क्यों होती है और हम मरकर आखिर जाते कहाँ हैं | इन सब बातों का ज्ञान हमें हमारे धर्म शास्त्रों में मिलता है.  ...

क्रोध (Anger)- विनाश का संकेत | Krodh | Gussa

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क्रोध (Anger)- विनाश का संकेत  "दसो दिशा से क्रोध की उठि अपरबल आग शीतल संगत साध की तहां उबरिये भाग।" -->सम्पूर्ण संसार क्रोध की अग्नि से चतुर्दिक जल रहा है। यह आग अत्यंत प्रवल है। लेकिन संत साधु की संगति शीतल होती है जहा हम भाग कर बच सकते हैं। "A great fire has arisen of anger from all ten sides. The company of saint is very cool. wherein you can save yourself from the fire." क्रोध को हमारे शास्त्रों में विनाश का दूसरा रूप या कह सकते हैं कि विनाश का संकेत भी  माना गया है, कहा जाता है कि जहां क्रोध होता है वहां खुशियां, धन और प्रेम जैसी चीजें कभी नहीं टिक सकती, कभी ना कभी इसका विनाश अवश्य होता है |हमारी ज़िन्दगी उस ईश्वर द्वारा , हमको दिया एक अनमोल तोहफा है, जिसमें अच्छा बुरा, छोटा बड़ा, खुशियां दुख, वैमनस्यता और क्रोध भी शामिल हैं, लेकिन हमें अपने जीवन में किन आदतों को अपनाना है तथा किन को खुद से दूर करना है, इस बात के चयन का अधिकार ईश्वर ने हमें ही दिया है | इसे  कुछ इस तरह से समझये, मानों हम किसी बारूद के ढेर पर माचिस लिए खड़े हों, लेकिन ये चयन हमारा ही है कि ...

वैराग्य- एक शांतिपूर्ण जीवन | Kya Hota Hai Vairagya Jeevan

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Vairagya Jeevan   "सत्संगत्वे निस्संगत्वं,निस्संगत्वे निर्मोहत्वं। निर्मोहत्वे निश्चलतत्त्वं,निश्चलतत्त्वे जीवन्मुक्तिः॥" भावार्थ : सत्संग से वैराग्य, वैराग्य से विवेक, विवेक से स्थिर तत्त्वज्ञान और तत्त्वज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है । हमारे सामने अक्सर कभी यह प्रश्न उठता है कि वैराग्य क्या है, क्या वैराग्य को पाया जा सकता है या फिर इसे कंट्रोल किया जा सकता है, या इसे योग सि्‍धधियों से जाना जा सकता है ऐसे ही की सारे  प्रश्न हमारे मन के सागर में अक्सर गोते खाते हुए डूब जाते हैं जिन्हें हम जान भी नहीं पाते | कोई भी व्यक्ति वैराग्य को पाने के लिए क्या करे, कि वो इसे पा सके,कई वर्षों पूर्व जब इस धरती पर प्रभु अवतार कायम था जहा सुख शांति उन्नति हमेशा रहती थी, यदि युद्ध भी हुआ तो वो धर्म की रक्षा के लिए हुआ करता था, जिसमें भी मान मर्यादा का उचित ध्यान रखा जाता था | कई लोग बरहम्चार्य का पालन भी करते थे और मोह माया का  त्याग भी देखने को मिलता था, मनुष्य वैरागी हो जाया करता था |  और जब जब मनुष्य उस परमात्मा की खोज में निकला है, जब जब उसने संसारिक सुखों का त्या...

The Spirit of love | Feelings of Love | A Spiritual blog post on life

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  The Spirit of love Feelings of Love | A Spiritual blog post on life The-Spirit-of-love Feelings that can convey your message to anyone just by looking at your expressions on your face. Which can be detected only by having changes in your daily routine that today this man is probably somewhat depressed. Emotions have a very important role in our lives, these different kinds of emotions like a small sea, sand dune, a whole bunch of water drops falling in the rain, you can call it anything, This includes feelings of jealousy, malice, treachery, disinterest, disregard, mourning, crying, laughing and all kinds of emotions.  But there is one in all of these, the feeling of love that perhaps no one can deny, because it is attached to us all the time in our life, and it includes, mother's love, father's affection, fight with brother, sister quarreling for the TV remote, and yes the love for the girl with whom you want to spend your whole life. Also Read- love without boundarie...

love without boundaries- blog post | love and relationship advice

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 love without boundaries | love and relationship advice [ A love advice for all those who sets boudaries in their relationship.] A relationship that binds between two people, and when both of them pursue this relationship with the name of love, then after they come close, they both try to set boundaries for each other. And when that person ever crosses that limit, then our heart shatters like a broken glass, because we like to see that person within that boundary , which is not true at all. [love without boundaries,love advice,boundaries in love] If we are in love with a person, then we cannot keep that person tied up because the real basic mantra of love is freedom , tying love is like finding a drop of water in the sea. It is immense, which has no end, it is infinite. Lord Krishna has given this knowledge in the Bhagavad Gita, if you love someon e, then leave him/her free, if he/she also loves you, will come to you on his own. So whenever you are tied in a relationship , d...