मोक्ष (moksha) क्या है | मोक्ष की परिभाषा
मोक्ष (moksha) क्या है..!! "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||" अर्थ- हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं, जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं। Related:- वैराग्य- एक शांतिपूर्ण जीवन , Lesson from Bhagwat Geeta , क्रोध (Anger) मोक्ष क्या है और हम मरने के उपरांत इसे क्यू पाना चाहते हैं, क्या किसी की मृत्यु के पश्चात यदि पंडितों को दक्षिणा, दान और भोजन कराया जाए तो ये मर चुके व्यक्ति को मोक्ष दे देगा, या फिर पंडितों द्वारा कराए गए यग्य और पूजा विधान से मरे हुए व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी | कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा की मोक्ष (moksha) की प्राप्ति के लिए उस व्यक्ति का शराद कराया जाता है उसके नाम का पिंड भी दिया जाता है और उसके नाम से पूजा कराई जाती है ताकि उस व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष मिल सके | लेकिन आखिरकार ये मोक्ष है क्या, और इसे मरणोपरांत कैसे पाया जा स...