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Showing posts from January 23, 2022

तुम क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाओगे- A lesson from Bhagwat Geeta

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तुम क्या लेकर आए थे  "नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥" अर्थ – भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन, ये आत्मा अजर अमर होती है, इसे ना तो आग से जला सकते है, और ना ही पानी भिगो सकते है, ना ही हवा इसे सुखा सकती है  ना ही कोई अस्त्र शस्त्र इसे काट सकता हैं। ... और आत्मा कभी नही मर सकती है.  "तुम क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाओगे, खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाओगे [Tum Kya Lekar Aye The Aur Kya Lekar Jaaoge, Khali Haath Aye The Aur Khali Hath Jaooge"] ये समझना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है, मृत्यु हमारे जीवन का एक ब्रह्म सत्य है जिसे नकारा नहीं जा सकता है | हम इस धरती पर जन्म लेते हैं, Survive करते हैं, जीवन भर सांसारिक सुखों दुखों को भोगते हैं और फिर एक दिन इस धरती पर अपना सब कुछ छोड़ कर चले जाते हैं, यानी हम मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं और इस लोक से परलोक का सफर शुरू करते है  | लेकिन आखिरकार ये मृत्यु है क्या ये क्यों होती है और हम मरकर आखिर जाते कहाँ हैं | इन सब बातों का ज्ञान हमें हमारे धर्म शास्त्रों में मिलता है.  महाभ

क्रोध (Anger)- विनाश का संकेत | Krodh | Gussa

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क्रोध (Anger)- विनाश का संकेत  "दसो दिशा से क्रोध की उठि अपरबल आग शीतल संगत साध की तहां उबरिये भाग।" -->सम्पूर्ण संसार क्रोध की अग्नि से चतुर्दिक जल रहा है। यह आग अत्यंत प्रवल है। लेकिन संत साधु की संगति शीतल होती है जहा हम भाग कर बच सकते हैं। "A great fire has arisen of anger from all ten sides. The company of saint is very cool. wherein you can save yourself from the fire." क्रोध को हमारे शास्त्रों में विनाश का दूसरा रूप या कह सकते हैं कि विनाश का संकेत भी  माना गया है, कहा जाता है कि जहां क्रोध होता है वहां खुशियां, धन और प्रेम जैसी चीजें कभी नहीं टिक सकती, कभी ना कभी इसका विनाश अवश्य होता है |हमारी ज़िन्दगी उस ईश्वर द्वारा , हमको दिया एक अनमोल तोहफा है, जिसमें अच्छा बुरा, छोटा बड़ा, खुशियां दुख, वैमनस्यता और क्रोध भी शामिल हैं, लेकिन हमें अपने जीवन में किन आदतों को अपनाना है तथा किन को खुद से दूर करना है, इस बात के चयन का अधिकार ईश्वर ने हमें ही दिया है | इसे  कुछ इस तरह से समझये, मानों हम किसी बारूद के ढेर पर माचिस लिए खड़े हों, लेकिन ये चयन हमारा ही है कि